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पीआईबी चंडीगढ़ ने पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए “क्रिएट इन इंडिया चैलेंज सीजन 1” पर इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया

 

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चंडीगढ़: प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) चंडीगढ़ ने पंजाब विश्वविद्यालय के संचार अध्ययन विद्यालय के सहयोग से आज जागरूकता बढ़ाने और ‘क्रिएट इन इंडिया चैलेंज सीजन 1’ में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित विश्व ऑडियो विजुअल एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) के भाग के रूप में चल रही चुनौतियों की श्रृंखला में छात्रों को शामिल करना था।

स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन स्टडीज की अध्यक्ष डॉ. भवनीत भट्टी ने शिक्षा में व्यावहारिक प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह के आयोजन छात्रों को उद्योग के पेशेवरों के साथ नेटवर्किंग करते हुए अपने सैद्धांतिक ज्ञान को लागू करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। डॉ. भट्टी ने कहा, “आज के परिदृश्य में, समग्र शिक्षा के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण आवश्यक है।”

पीआईबी चंडीगढ़ के संयुक्त निदेशक श्री दीप जॉय मम्पिली, जो मुख्य अतिथि थे, ने छात्रों को ‘क्रिएट इन इंडिया चैलेंज’ से परिचित कराया और बताया कि यह उन्हें सीखने, अनुभव प्राप्त करने और मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में योगदान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि पूरे भारत के छात्र एनीमेशन, गेमिंग, कॉमिक्स, फिल्म, जनरेटिव एआई और प्रसारण जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करने वाली 27 चुनौतियों में भाग ले सकते हैं। मम्पिली ने कहा, “वेव्स छात्रों और पेशेवरों के बीच की खाई को पाटता है, सहयोग और नवाचार को प्रोत्साहित करता है।” इस कार्यक्रम में एक इंटरैक्टिव सत्र शामिल था, जहाँ छात्रों को चुनौती और शिखर सम्मेलन के बारे में सवाल पूछने का अवसर मिला। पीआईबी चंडीगढ़ की मीडिया और संचार अधिकारी सुश्री वटिका चंद्रा ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के आउटरीच कार्यक्रमों के बारे में एक प्रस्तुति दी, जिसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक तक जानकारी पहुँचाना है। 5-9 फरवरी, 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में होने वाला वेव्स शिखर सम्मेलन पूरे मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के लिए दुनिया का पहला अभिसरण कार्यक्रम बनने वाला है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देना, सामग्री निर्माण को बढ़ावा देना और मीडिया उद्योग में वैश्विक निवेश को आकर्षित करना है।

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