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CISF का ‘प्रोजेक्ट मान’ 75,000 जवानों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता, आत्महत्या में 40% कमी

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नई दिल्ली

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट की MPower पहल के साथ मिलकर अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट मान’ के तहत अब तक 75,000 से अधिक जवानों और उनके परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान की है। नवंबर 2024 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के माध्यम से शुरू की गई इस पहल ने बल के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में एक मील का पत्थर साबित किया है।

आज CISF के महानिदेशक श्री आर.एस. भट्टी, IPS और आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट की चेयरपर्सन श्रीमती नीरजा बिड़ला ने इस पहल की प्रगति की संयुक्त समीक्षा की और इसके सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसे भविष्य में भी जारी रखने का संकल्प लिया।

DG CISF ने ABET के प्रोफेशनल्स द्वारा की गई जागरूकता, काउंसलिंग, क्लीनिकल इंटरवेंशन और प्रशिक्षण कार्यों की सराहना की। अब तक 1,726 अधिकारियों और सब-ऑफिसर्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की समय रहते पहचान और उचित मार्गदर्शन संभव हो पाया है।

IGI एयरपोर्ट, संसद भवन और दिल्ली मेट्रो जैसे उच्च तनाव वाले क्षेत्रों में तैनात 31,000 से अधिक जवानों की साइकोमेट्रिक स्क्रीनिंग की गई, जिससे डिप्रेशन, वैवाहिक तनाव, आर्थिक तनाव जैसी समस्याओं की समय पर पहचान कर उनका समाधान किया गया।

साल 2024 और 2025 के दौरान CISF में आत्महत्या की दर राष्ट्रीय औसत से कम रही, जो प्रोजेक्ट मान की सफलता को दर्शाता है।

नीरजा बिड़ला, MPower की संस्थापक, ने कहा,
“CISF के साथ हमारी साझेदारी यह दर्शाती है कि जब मानसिक स्वास्थ्य को संस्थागत रूप से अपनाया जाता है, तो क्या कुछ हासिल किया जा सकता है। पिछले तीन वर्षों में हमने स्क्रीनिंग, काउंसलिंग, 24×7 हेल्पलाइन और पीयर सपोर्ट के जरिए हजारों कर्मियों को सहायता प्रदान की है, जिससे आत्महत्या की घटनाओं में 40% की कमी आई है।”

DG CISF आर.एस. भट्टी ने कहा,
“मानसिक स्वास्थ्य हमारे जवानों के लिए शारीरिक फिटनेस जितना ही जरूरी है। प्रोजेक्ट मान ने हमारी आंतरिक सहायता प्रणालियों को मजबूत किया है, जिससे हमारे जवान मानसिक रूप से सशक्त, केंद्रित और ड्यूटी के लिए तैयार रहते हैं।”

इस उल्लेखनीय सफलता को देखते हुए, CISF और ABET ने इस पहल को आने वाले वर्षों तक जारी रखने का निर्णय लिया है, ताकि देश की इस अग्रिम सुरक्षा बल की समग्र भलाई सुनिश्चित की जा सके।

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