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पंजाब पावर कॉरपोरेशन (पीएसपीसीएल) के लगभग 2500 कर्मचारी आज से हड़ताल और प्रदर्शन पर उतर गए हैं. यह हड़ताल 17 ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित की जा रही है, जो लंबे समय से लंबित और वैध मांगों को लेकर की जा रही है. कर्मचारियों का कहना है कि उनके मुद्दे गंभीर हैं, और सरकार ने कई बार आश्वासन देने के बावजूद इन्हें अब तक हल नहीं किया है. इस आंदोलन में पंजाब के बिजली कर्मचारियों के बीच गहरी नाराजगी दिखाई दे रही है, जो यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि उनकी मांगों को और ज्यादा अनदेखा नहीं किया जा सकता.
कर्मचारी क्यों कर रहे है हड़ताल?
यह हड़ताल और प्रदर्शन मुख्य रूप से कर्मचारियों के कामकाज की स्थिति, वेतन सुधार, नौकरी की सुरक्षा, प्रमोशन और भत्तों से संबंधित मुद्दों को लेकर हो रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि इन मुद्दों पर कई बार बैठकों और चर्चाओं के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. 31 जुलाई 2024 को हुई बैठक में सरकार ने कुछ मुद्दों को स्वीकार किया था, लेकिन अब तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है. इसके चलते कर्मचारियों के बीच भारी नाराजगी उत्पन्न हो गई है, और उन्होंने मजबूरन हड़ताल का सहारा लिया है.
इस आंदोलन में शामिल 17 ट्रेड यूनियनें इस बात पर जोर दे रही हैं कि पीएसपीसीएल और पंजाब सरकार की नीतियां कर्मचारियों के हितों के खिलाफ काम कर रही हैं. बिजली कर्मचारियों का आरोप है कि पीएसपीसीएल और सरकार उनके ज्वलंत मुद्दों को हल करने से बचने की नीति अपना रहे हैं.
उन्हें डर है कि सरकार इस समस्या से मुंह मोड़कर अन्यायपूर्ण तरीके से कामकाज को आगे बढ़ा रही है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित हो सकता हैं.
क्या है कर्मचारियों की मांगें?
कर्मचारियों की मांगों में प्रमुख रूप से वेतन वृद्धि, कार्य के घंटों में सुधार, प्रमोशन की नीति में पारदर्शिता और नौकरी की सुरक्षा शामिल हैं.अलावा, वे यह भी मांग कर रहे हैं कि ठेका प्रणाली को समाप्त किया जाए और सभी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे इस आंदोलन को जारी रखेंगे.
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे आम जनता को परेशानी हो सकती है. हालांकि, कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि वे आम जनता को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं रखते, लेकिन सरकार और पीएसपीसीएल के रवैये के कारण उनके पास और कोई विकल्प नहीं बचा है.
हड़ताल का प्रभाव
पीएसपीसीएल और पंजाब सरकार पर कर्मचारियों के बीच यह आरोप है कि वे समस्याओं को टालने की नीति अपना रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है, तो यह हड़ताल और भी व्यापक रूप ले सकती है, जिससे राज्य में बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है.
सरकार की ओर से अभी तक इस हड़ताल पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द सुना जाएगा और सरकार उनके मुद्दों को हल करने के लिए ठोस कदम उठाएगी.