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जीरकपुर, 9 नवंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जीरकपुर स्थित रियल एस्टेट कंपनी जीबीपी ग्रुप के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में बड़ी सफलता मिली है। ईडी ने फरार बिल्डरों की 305 करोड़ रुपये की दो संपत्तियों एथेंस-1 और एथेंस-2 को अपने कब्जे में ले लिया है। कंपनी के भगोड़े निदेशकों और उनके सहयोगियों के अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।
ईडी की जांच में पता चला है कि जीबीपी ग्रुप अपने निवेशकों से पैसे हड़प रहा था और उसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए कर रहा था। इससे उन निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है, जिन्होंने कंपनी की परियोजनाओं में अपनी मेहनत की कमाई लगाई थी। ईडी को कंपनी के मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने के सबूत भी मिले हैं। नतीजतन, एजेंसी ने निवेशकों का पैसा वसूलने के लिए भगोड़े बिल्डरों की संपत्ति जब्त कर ली है।
ईडी के इस कदम से उन निवेशकों को उम्मीद की किरण जगी है, जो जीबीपी ग्रुप से अपना पैसा वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एजेंसी की इस कार्रवाई से न केवल बिल्डरों और उनके सहयोगियों को कड़ा संदेश गया है, बल्कि न्याय प्रणाली में निवेशकों का भरोसा भी बहाल हुआ है। ईडी ने आश्वासन दिया है कि आगे की जांच जारी है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एजेंसी ने निवेशकों से भी अपील की है कि वे आगे आएं और ऐसी कोई भी जानकारी या सबूत मुहैया कराएं जिससे जांच में मदद मिल सके।