SANDESH 24×7
मोहाली: उच्च शिक्षा एवं भाषा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस के मार्गदर्शन में जिला भाषा कार्यालय साहिबजादा अजीत सिंह नगर ने पंजाब साहित्य अकादमी चंडीगढ़ के सहयोग से प्रसिद्ध विद्वान एवं कवि हरविंदर सिंह की पुस्तक “हिंदी से पंजाबी सीखें” पर परिचर्चा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाषा विभाग पंजाब के निदेशक जसवंत सिंह जफर उपस्थित थे। पैनल में प्रमुख आलोचक एवं उपन्यासकार डॉ. मनमोहन, अनुवादक एवं विद्वान जंग बहादुर गोयल और आलोचक डॉ. प्रवीण कुमार शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत विभागीय भजन “धन लिखारी नानका” से हुई। जिला भाषा अधिकारी डॉ. दर्शन कौर ने अतिथियों का स्वागत किया और उपस्थित लोगों को परिचर्चा के उद्देश्य से परिचित कराया। कार्यक्रम के दौरान लेखक हरविंदर सिंह ने अपने अनुभव और पुस्तक लिखने के पीछे के उद्देश्यों को साझा किया। प्रख्यात विद्वान एवं लेखक प्रीतम रूपाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लेखक ने पंजाब, उसकी संस्कृति और भाषा की गहरी समझ के साथ पुस्तक लिखी है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण कृति बन गई है। उन्होंने भाषा के उच्चारण के बारे में भी कई मुद्दे उठाए।
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के हिंदी विभाग के प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने विस्तृत चर्चा की, लेखक से कुछ शब्दों पर सवाल पूछे और स्पष्टीकरण सुझाए। प्रोफेसर अताई सिंह ने भाषा में क्षेत्रीय बोलियों के महत्व के बारे में बताया।
पैनलिस्ट डॉ. प्रवीण कुमार ने पुस्तक की सराहना करते हुए इसे एक सराहनीय प्रयास बताया, लेकिन भाषा के सांस्कृतिक परिवर्तन पर विचार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जंग बहादुर गोयल ने पुस्तक को सीखने की दिशा में पहला कदम बताया और इसे आगे का रास्ता दिखाने वाला “प्रकाश स्तंभ” बताया।
मुख्य अतिथि जसवंत सिंह जफर ने कार्यक्रम को सार्थक बताया और इस तरह के लेखन को मातृभाषा पंजाबी की सच्ची सेवा बताया। उन्होंने भाषा के संरक्षण के महत्व पर भी विस्तार से बताया।
डॉ. मनमोहन ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि पंजाबी माह के साथ होने के कारण यह कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है।
उन्होंने अनुवाद और शिक्षण के बीच अंतर को इंगित किया और सुझाव दिया कि लेखक को इस अंतर पर अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने पुस्तक को एक अच्छा प्रयास बताया और उम्मीद जताई कि लेखक भविष्य की परियोजनाओं पर लगन से काम करना जारी रखेंगे।
कार्यक्रम का संचालन लेखक जगदीप सिद्धू ने किया। कवि गुल चौहान, बलजीत, गुरप्रीत सैनी, डॉ. सुरिंदर गिल, सुशील कौर, भूपिंदर मलिक, जगबीर कौर, हरभजन कौर ढिल्लों, ध्यान सिंह कहलून, नाटककार संजीवन सिंह और बलदेव सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
इसके अतिरिक्त, जिला भाषा कार्यालय, मोहाली ने इस अवसर पर एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया।